मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना Mukhyamantri Vriksharopan Protsahan Yojana

Mukhyamantri Vriksharopan Protsahan Yojana
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Mukhyamantri Vriksharopan Protsahan Yojana : मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना का प्रारंभ छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य करने के लिए किया गया है । इस योजना के तहत वृक्षारोपण के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया गया है तथा उन्हें योजना का लाभ देने के लिए आर्थिक सहायता भी देने का प्रावधान किया गया है ।

इस लेख के माध्यम से आप मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं ।

Table of Contents

Mukhyamantri Vriksharopan Protsahan Yojana Kya hai ?

Mukhyamantri Vriksharopan Protsahan Details

छत्तीसगढ़ की योजनायोजना से सम्बंधित जानकारी
योजना का नाम ?Mukhyamantri Vriksharopan Protsahan Yojana
योजना किसके द्वारा शुरू की गई ?  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा
योजना कब शुरू की गई ? 1 जून 2021
किस राज्य की योजना है ? छत्तीसगढ़
योजना का उद्देश्य क्या है ?कृषकों की आय में वृक्षारोपण के माध्यम से वृद्धि करते हुवे उनके आर्थिक सामाजिक स्तर में सुधा
योजना के लाभार्थी कौन ? छत्तीसगढ़ के लोग
किस वित्तीय वर्ष में ? 2021-2022
आवेदन प्रक्रिया कैसी है ?  ऑफलाइन
आधिकारिक वेबसाइट क्या है ? http://forest.cg.gov.in/CMPlantation/CMPY_USerManual.pdf
Mukhyamantri Vriksharopan Protsahan Yojana Summary

प्रारंभ

1 जून 2021

उद्देश्य

  • निजी क्षेत्र कृषकों, शासकीय विभागों एवं ग्राम पंचायतों की भूमि पर ईमारती गैर ईमारती प्रजातियों के वाणिज्यिक / औद्योगिक वृक्षारोपण को प्रोत्साहन
  • पर्यावरण में सुधार लाकर जलवायु परिवर्तन के विपरीत प्रभावों को कम करना है।
  • कृषकों की आय में वृक्षारोपण के माध्यम से वृद्धि करते हुवे उनके आर्थिक सामाजिक स्तर में सुधार लाना है।
  • निजी भूमि पर रोपित तथा पूर्व से खड़े वृक्षों के पालन तथा काष्ठ के परिवहन नियमों को सुगम बनाया जाकर नागरिकों को निजी भूमि पर रोपण हेतु आकर्षित करना ।
  • निजी तथा सामुदायिक भूमि पर वृक्षारोपण को बढ़ावा दिया जाकर काष्ठ का उत्पादन बढ़ाया जाकर काष्ठ के आयात में उत्तरोत्तर कमी लाना तथा बनों में उपलब्ध काष्ठ पर जैविक दबाव को कम करते हुये वनों को सुरक्षित रखा जाना वृक्षारोपण को बढ़ावा देकर बाद अनावृष्टि आदि को नियंत्रित करना भूमि के जलस्तर को उपर उठाना है।
  • उद्योगों की लकड़ियों को आवश्यकताओं की पूर्ति बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन जी. डी. पी. में वृद्धि।

योजना का प्रावधान

  • मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना अंतर्गत एफ आर ए ( वन अधिकार पत्र चारक) हितग्राही अपने भूमि पर धान के बदले वृक्षारोपण करते है तो उसका पंजीयन कृषि विभाग द्वारा किया जाता है एवं रू. 10,000/- प्रोत्साहन राशि एक वर्ष पश्चात 03 वर्षों तक कृषि विभाग द्वारा प्रदाय किया जाता है। एफआरए हितग्राही यदि नये सिरे से वृक्षारोपण करते 10,000/- (दस हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि एक वर्ष पश्चात 1 बार वन विभाग द्वारा प्रदान किया जायेगा।
  • ग्राम पंचायतों द्वारा उनके पास उपलब्ध राशि से राजस्व भूमि पर वृक्षारोपण कराया जाता है. तो एक वर्ष पश्चात् सफल रोपण की दशा में 10000/- (दस हजार प्रोत्साहन राशि का भुगतान एक बार वन विभाग द्वारा प्रदाय की जाएगी।
  • संयुक्त प्रबंधन समितियों द्वारा उनके पास उपलब्ध राशि से राजस्व भूमि पर वृक्षारोपण कराया जाता है तो एक वर्ष पश्चात् सफल रोपण की दशा मे रू 10,000/- (दस हजार) प्रोत्साहन राशि का भुगतान एक बार वन विभाग द्वारा प्रदाय की जाएगी।

ग्राम पंचायत द्वारा वृक्षारोपण

  • ग्राम पंचायत द्वारा सामुदायिक एवं गैर वनीय क्षेत्र में वृक्षारोपण ग्राम पंचायतों के पास उपलब्ध राशि से यदि वाणिज्यिक वृक्षारोपण किया जायेगा तो एक वर्ष बाद सफल वृक्षारोपण की दशा में संबंधित ग्राम पंचायतों को शासन की ओर से रुपये 10,000/- (दस हजार) प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जायेगी।
  • जिन किसानों ने खरीफ वर्ष 2020 में धान की फसल ली हो, यदि वे धान की फसल के बदले अपने खेतों में वृक्षारोपण करते हैं तो उन्हें आगामी 3 वर्षो तक प्रतिवर्ष रुपये 10,000 /- (दस हजार) प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जायेगी।

संयुक्त वन प्रबंधन समिति द्वारा वृक्षारोपण

  • संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के पास उपलब्ध राशि से यदि वाणिज्यिक आधार पर राजस्व भूमि पर वृक्षारोपण किया जाता है तो पंचायत की तरह ही संबंधित समिति को एक वर्ष बाद रुपये 10,000/- (दस हजार) प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। वृक्षों को काटने एवं विक्रय का अधिकार संबंधित समिति का होगा।

योजना की पात्रता

  1. छत्तीसगढ़ राज्य के सभी कृषक जो वर्ष 2020 में धान की खेती कर धान को शासन को बेचे हो।
  2. वे वन अधिकार पत्र धारक व्यक्ति जिनके द्वारा पिछले वर्ष शासन को धान विक्रय किया गया था और अब वे अपनी भूमि पर धान के बदले वृक्षारोपण करना चाहते है।
  3. वन अधिकार पत्र धारक जो नये सिरे से अपनी भूमि पर वृक्षारोपण करना चाहते है।
  4. सभी ग्राम पंचायत एवं संयुक्त वन प्रबंधन समितियां जो अपने पास उपलब्ध राशि से राजस्व भूमि में वृक्षारोपण करना चाहते है।

योजना का क्रियान्वयन

  1. इस योजना में ईमारती, गैर ईमारती, फलदार, बांस, लघु वनोपज एवं औषधीय पौधों का रोपण किया जायेगा।
  2. हरियाली प्रसार योजना, मनरेगा, मुख्यमंत्री बांस विकास योजना एवं अन्य प्रचलित वृक्षारोपण योजना को यथास्वरूप में अथवा और सशक्त करते हुये रोपण का कार्य किया जायेगा।
  3. यदि वन विभाग के नर्सरियों में किसी भी मद का पौधे निशुक्ल बांटने हेतु उपलब्ध है तो कृषकों द्वारा उन पौधों का उपयोग किया जा सकता है यदि कोई व्यक्ति निशुक्ल पौधे हेतु वन विभाग से सम्पर्क करेंगे तो उपलब्धता अनुसार जो पहले सम्पर्क करते है उनको प्राथमिकता देते हुए प्रदान किया जायेगा।
  4. यदि वन विभाग के पास निशुक्ल प्रदाय हेतु किसी भी मद का पौधा उपलब्ध नहीं है तो निर्धारित दर में कृषकों को मांग किये जा रहे पौधा उपलब्ध होने पर नर्सरियों से प्रदाय किया जायेगा।
  5. निशुल्क प्रदाय किये जाने वाले वृक्षों की परिवहन की जिम्मेदारी कृषकों की होगी।
  6. वृक्षारोपण कार्य में आवश्यकतानुसार वन विभाग का तकनीकी सहयोग प्राप्त किया जा सकेगा।
  7. योजनांतर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु वन अधिकार पत्र धारक, ग्राम पंचायत वन प्रबंधन समिति के द्वारा रोपण के 06 माह के भीतर अथवा 30 नवम्बर के पहले संबंधित वन परिक्षेत्र कार्यालय में पंजीयन कराया जाना अनिवार्य होगा।
  8. पंजीकृत वृक्षारोपणों का अवलोकन माह अप्रैल में प्रतिवर्ष संबंधित वनमंडलाधिकारी द्वारा गठित निरीक्षण दल के द्वारा किया जायेगा। निरीक्षण दल में परिक्षेत्र अधिकारी स्तर के अन्तविभागीय अधिकारी हो सकते है।
  9. विगत वर्ष के वृक्षारोपण का माह अप्रैल में निरीक्षण करने पर यदि 80 प्रतिशत रोपित पौधे जीवित पाये जाते हैं तो इस वृक्षारोपण को सफल माना जाकर, प्रति एकड़ रूपये 10,000/- (दस हजार) प्रोत्साहन राशि हेतु वन अधिकार पत्र धारक को पात्र माना जाकर प्रोत्साहन राशि भुगतान करने की अनुशंसा निरीक्षण दल के द्वारा वनमंडलाधिकारी को प्रेषित की जाएगी।
  10. इसी तरह विगत वर्ष के वृक्षारोपण का माह अप्रैल में निरीक्षण करने पर यदि 80 प्रतिशत रोपित पौधे जीवित पाये जाते है तो इस वृक्षारोपण को सफल माना जाकर, प्रति एकड़ रूपये 10,000/- (दस हजार) प्रोत्साहन राशि हेतु उक्त ग्राम पंचायत / वन प्रबंधन समितियों को पात्र माना जाकर प्रोत्साहन राशि भुगतान करने की अनुशंसा निरीक्षण दल के द्वारा वनमंडलाधिकारी को प्रेषित की जाएगी।
  11. सफल वृक्षारोपण की प्रोत्साहन राशि का भुगतान, विहित अधिकारी के द्वारा DFO के माध्यम से संबंधित वन अधिकार पत्र धारक/ग्राम पंचायतों वन प्रबंधन समितियों के खाते में किया जायेगा।
  12. प्रोत्साहन राशि का भुगतान शासन द्वारा निर्धारित बजट मद से किया जायेगा।
  13. ग्राम पंचायतों / संयुक्त वन प्रबंधन समिति के द्वारा स्वयं के संसाधन से किये गए वाणिज्यिक रोपण के विदोहन एवं विक्रय की प्रक्रिया स्वयं निर्धारित की जायेगी।
  14. वन अधिकार पत्र धारक, ग्राम पंचायत तथा वन प्रबंधन समितियों के द्वारा किये गये वृक्षारोपण के साथ इन्टरक्रापिंग में धान को छोड़कर अन्य किसी भी फसल ली जा सकेगी।
  15. रोपण हेतु सागौन, खम्हार, बिमा बांस, चंदन, सतावर, कालमेघ, बायबिडंग, गिलोय इत्यादि विभिन्न प्रकार के वृक्ष एवं औषधीय पौधे के रोपण एवं दोहन की प्रक्रिया का विस्तृत जानकारी पृथक से भेजी जा रही है।
  16. कृषक, वन अधिकार पत्र धारक, ग्राम पंचायत तथा वन प्रबंधन समितियों को इस योजना लाभ लेने हेतु एक एकड़ में कम से कम 160 पौधों को लगाना अनिवार्य होगा।

पंजीकरण

  • योजनांतर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु कृषकों को निर्धारित समयावधि में संबंधित पोर्टल में पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। अपंजीकृत कृषकों को योजनांतर्गत प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने की पात्रता नहीं होगी ।
  • इसी तरह वन अधिकार पत्र धारक, ग्राम पंचायत एवं वन प्रबंधन समितियों को भी संबंधित वन परिक्षेत्र कार्यालय द्वारा पंजीकरण करना अनिवार्य होगा। पंजीकरण नही होने की दशा में इनको भी योजनांतर्गत प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने की पात्रता नहीं होगी।
  • ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं विहित अधिकारी द्वारा पंजीकृत रकबे का गिरदावरी कर सत्यापन किया जायेगा। निरीक्षण में यह अनिवार्य रुप से देखा जाएगा कि वृक्षारोपण हेतु संपूर्ण पंजीकृत रकबे में वृक्षारोपण किया गया है तथा पंजीकृत रकबे में आंशिक रूप से भी धान का रोपण नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में वास्तविक रकबे में वृक्षारोपण अनुसार प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाएगा।
  • वृक्षारोपण की उपयुक्त प्रजाति चयन के संबंध में उचित परामर्श कृषकों को आवश्यकतानुसार दिये जाएंगे।

धान की फसल के बदले वृक्षारोपण

  • जिन किसानों ने खरीफ वर्ष 2020 में धान की फसल ली हो, तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य योजनांतर्गत धान का विक्रय करने के लिये विधिवत् पंजीयन कराया हो तथा धान का विक्रय किया हो, यदि वे धान की फसल के बदले अपने खेतों में वर्ष 2021-22 तथा आगामी वर्षों में वृक्षारोपण करते हैं, तो उन्हें 03 वर्षों तक रुपये 10,000/- (दस हजार) प्रति एकड़ प्रति वर्ष की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। कृषक के द्वारा किये गये वृक्षारोपण के साथ इन्टरक्रापिंग में धान को छोड़कर अन्य फसल ली जा सकेगी।
  • प्रोत्साहन राशि का भुगतान शासन द्वारा निर्धारित बजट मद से किया जाएगा। वृक्षारोपण की उपयुक्त प्रजाति चयन के संबंध में उचित परामर्श कृषकों को आवश्यकतानुसार दिये जाएंगे।

उपलब्धि-

  • डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर बढ़ेगा।
  • इस योजना के जरिये आजीविका के साधन बढ़ेंगे।
  • प्रदेश में हरित सम्पदा क्षेत्रफल में वृद्धि के साथ ही पर्यावरण को लाभ मिलेगा।

वन अधिकार पत्रधारी 442 हितग्राहियों द्वारा योजना के तहत 956 एकड़ रकबे में 66,413 वृक्ष रोपित किए गए हैं। इसी तरह 434 ग्राम पंचायतों द्वारा 910 एकड़ में 71,679 तथा 111 वन प्रबंधन समितियों द्वारा 380 एकड़ में 97,612 वृक्ष रोपित किए गए हैं।

मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना PDF भी डाउनलोड कर सकते है – Click Here

FAQ of Mukhyamantri Vriksharopan Protsahan Yojana

Q: मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना क्या है?

Ans : निजी क्षेत्र कृषकों, शासकीय विभागों एवं ग्राम पंचायतों की भूमि पर ईमारती गैर ईमारती प्रजातियों के वाणिज्यिक / औद्योगिक वृक्षारोपण को प्रोत्साहन

Q: मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना की शुरुआत कब की गई?

Ans : मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना 1 जून 2021 को प्रारम्भ की गयी ।

Q: मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना में किस पौधे का वृक्षारोपण होगा?

Ans : योजना में ईमारती, गैर ईमारती, फलदार, बांस, लघु वनोपज एवं औषधीय पौधों का रोपण किया जायेगा ।

Q: मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना प्रोत्साहन राशि कितनी है ?

Ans : यदि 80 प्रतिशत रोपित पौधे जीवित पाये जाते हैं तो इस वृक्षारोपण को सफल माना जाकर, प्रति एकड़ रूपये 10,000/- (दस हजार) प्रोत्साहन राशि दी जाएगी ।

Q: मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना प्रोत्साहन राशि कितनी है ?

Ans : धान के बदले वृक्षारोपण करते है तो उसका पंजीयन कृषि विभाग द्वारा किया जाता है एवं रू. 10,000/- प्रोत्साहन राशि वृक्षारोपण के एक वर्ष पश्चात 03 वर्षों तक कृषि विभाग द्वारा प्रदाय किया जाता है।

उम्मीद है आपको छत्तीसगढ़ के Mukhyamantri Vriksharopan Protsahan Yojana से संबंधित सारी जानकारी पसंद आई होगी।

आने वाले समय में आपको मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के बारे में अन्य अपडेट भी इस लेख में मिलते रहेंगे ।

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